Planet in 3rd house

कुंडली के प्रथम भाव में तृतीयेश का प्रभाव

कुंडली के प्रथम भाव में तृतीयेश का प्रभाव 1)कुंडली के प्रथम भाव में तृतीयेश का प्रभाव जानने के लिए सर्वप्रथम प्रथम भाव और तृतीय भाव के नैसर्गिक कारक के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करेंगे। तृतीय भाव का स्वामी स्वंय के भाव से एकादश भाव में स्थित है, अतः प्रथम भाव के स्वामी का एकादश भाव […]

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कुंडली के तृतीय भाव में द्वितीयेश का प्रभाव

कुंडली के तृतीय भाव में द्वितीयेश का प्रभाव 1) कुंडली के द्वितीय भाव में तृतीय भाव में द्वितीयेश का प्रभाव जानने के लिए सर्वप्रथम हम द्वितीय भाव और तृतीय भाव के नैसर्गिक कारक के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करेंगे। जैसा कि हम देख रहे हैं कि द्वितीय भाव स्वयं से द्वितीय स्थान में है, अतः

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कुंडली के तृतीय भाव में लग्नेश का प्रभाव

कुंडली के तृतीय भाव में लग्नेश का प्रभाव 1)कुंडली के तृतीय भाव में लग्नेश का प्रभाव जानने से पहले हम प्रथम भाव और तृतीय भाव के नैसर्गिक कारक के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करेंगे। 2) तृतीय भाव जातक की क्षमता और शक्ति का कारक होता है। अतः लग्नेश जब तृतीय भाव में स्थित हो तब

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कुंडली के तृतीय भाव में केतु का प्रभाव

कुंडली के तृतीय भाव में केतु का प्रभाव 1)कुंडली के तृतीय भाव में केतु का प्रभाव जानने के लिए सर्वप्रथम हम केतू और तृतीय भाव के नैसर्गिक कारक के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करेंगे। 2) तृतीय भाव में स्थित केतु के कारण जातक बहादुर और निडर प्रवृत्ति का व्यक्ति होता है। जातक की शारीरिक और

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कुंडली के तृतीय भाव में राहु का प्रभाव

कुंडली के तृतीय भाव में राहु का प्रभाव 1) कुंडली के तृतीय भाव में राहु का प्रभाव जानने के लिए सर्वप्रथम हम राहु और तृतीय भाव के नैसर्गिक कारक के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करेंगे। 2) तृतीय भाव जातक की क्षमता का कारक भाव होता है। राहु एंपलीफायर एजेंट के रूप में कार्य करता है।

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कुंडली के तृतीय भाव में शुक्र का प्रभाव

कुंडली के तृतीय भाव में शुक्र का प्रभाव 1)कुंडली के तृतीय भाव में शुक्र का प्रभाव जानने के लिए सर्वप्रथम हम शुक्र और तृतीय भाव के कारक के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करेंगे। 2)तृतीय भाव को शारीरिक और मानसिक क्षमता, अनुज या छोटे भाई बहन, कम्युनिकेशन, छोटी यात्राएं इत्यादि का कारक माना गया है। शुक्र

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