कुंडली के द्वादश भाव में लग्नेश का प्रभाव

कुंडली के द्वादश भाव में लग्नेश का प्रभाव

1) कुंडली के द्वादश भाव में लग्नेश का प्रभाव जानने के लिए सर्वप्रथम हम प्रथम भाव और द्वादश भाव के नैसर्गिक कारक के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करेंगे।

2) सामान्यतः लग्नेश द्वादश भाव में शुभ नहीं माना जाता है। क्योंकि द्वादश भाव में स्थित लग्नेश के कारण लग्न और लग्नेश के नैसर्गिक बल की हानि होती है। जातक कन्फ्यूजन और भ्रम से गिरा रह सकता है। जातक का आत्मविश्वास कम हो सकता है। जातक को अपनी क्षमता पर भरोसा नहीं हो सकता है। जातक कभी-कभी अपने अस्तित्व को लेकर भी परेशान रह सकता है। जातक समाज में अपनी उपस्थिति से संतुष्ट नहीं रहता है

3) द्वादश भाव निंद्रा से संबंधित होता है। यदि लग्नेश द्वादश भाव में हो तब जातक को अनिंद्रा की समस्या से परेशानी हो सकती है। जातक की सोने की आदत अनियमित हो सकती है। जातक अनिद्रा के कारण माइग्रेन या सर दर्द जैसी समस्या से परेशान रह सकता है। जातक मानसिक तनाव से परेशान रह सकता है।

4) द्वादश भाव बिस्तर के सुख का भी कार्यक्रम होता है। अतः लग्नेश द्वादश भाव में स्थित हो तब जातक कामुक प्रवृत्ति का व्यक्ति हो सकता है। जातक भौतिकवाद और सांसारिक सुख की ओर बहुत ज्यादा झुकाव रखने वाला व्यक्ति हो सकता है। यदि द्वादश भाव में स्थित लग्नेश कमजोर हो और तामसिक ग्रह से पीड़ित हो या जलीय राशि में हो या तामसिक नक्षत्रों में हो तब जातक अपने बुरी आदतों के कारण अपने स्वास्थ्य का नुकसान करवाता है। साथ ही जातक अनैतिक संबंधों की ओर झुकाव रखने वाला व्यक्ति हो सकता है। लेकिन यदि लग्नेश बली हो और सात्विक ग्रहों नक्षत्रों या राशि के प्रभाव में हो तब जातक में खुद पर नियंत्रण रखने की क्षमता होगी। यदि पीड़ित हो तब जातक को सेक्सुअल रोगों का सामना करना पड़ सकता है।

5) द्वादश भाव विदेशी चीजों से संबंधित होता है। यदि लग्नेश द्वादश भाव में स्थित हो तब जातक विदेश जा सकता है। यदि द्वादश भाव में स्थित लग्नेश यात्रा के दूसरे कारक भाव से संबंध स्थापित करें तब जातक निश्चित विदेश यात्रा को जाता है। यदि द्वादश भाव में स्थित लग्नेश द्वादश भाव के स्वामी के साथ हो तब जाकर विदेश में परमानेंट रूप से सेटल हो सकता है। जातक विदेशी भूमि या विदेश से लाभ प्राप्त करता है या सफलता प्राप्त करता है।

6) लग्न या लग्नेश जातक के जन्म स्थान से संबंधित होता है। यदि लग्नेश द्वादश भाव में हो तब जातक अपने जन्म स्थान से बहुत दूर निवास करने के लिए जा सकता है। जातक एक घुमंतू जीवन जीना पसंद करता है या जातक की बहुत सारी यात्राएं होती है। यदि लग्नेश द्वादश भाव में कमजोर हो तब जातक को अपने जन्म स्थान को छोड़ने के लिए विवश किया जा सकता है।

7) द्वादश भाव व्यय भाव होता है। यदि लग्नेश द्वादश भाव में स्थित हो तब जातक लग्जरियस लाइफ स्टाइल जीना पसंद करता है। जातक कंजूस प्रवृत्ति का होता है, क्योंकि जातन के खर्च जातक के नियंत्रण में होते हैं। यदि लग्नेश द्वादश भाव में पीड़ित हो तब जातक अपने खर्चे पर नियंत्रण नहीं रखना रख पाता है और जातक परेशानी का सामना करता है। यदि लग्नेश द्वादश भाव में पीड़ित हो तब जातक को अपने व्यापार में नुकसान उठाना पड़ता है। जातक को अपने व्यापार में सफलता नहीं मिलती है। जातक के व्यापार में कर्जे के कारण परेशान रह सकता है। जातक सामाजिक कार्यों में दान दे सकता है। जातक हॉस्पिटल या धार्मिक गतिविधियों में भी दान दे सकता है।

8) द्वादश भाव में स्थित लग्नेश जातक को भावुक व्यक्ति बनाता है। लेकिन जातक का अपने भावना के ऊपर अच्छा नियंत्रण होता है। जातक गलत या बुरी कार्यों में लिप्त हो सकता है।

9) द्वादश भाव अध्यात्म से संबंधित होता है। यदि लग्नेश द्वादश भाव में स्थित हो तब जातक आध्यात्मिक की ओर झुकाव रखने वाला व्यक्ति होता है। जातक धार्मिक यात्राओं पर जाता है। जातक ज्योतिष या इस प्रकार की विषय में रुचि रखता हैं। जातक में हीलिंग की उत्तम क्षमता होती है।

10)द्वादश भाव में स्थित लग्नेश कमजोर हो तब जातक बदनामी का सामना कर सकता है। जातक जेल या कानूनी मामलों से दो-चार होना पड़ सकता है। जातक फ्रॉड झूठा या गैर कानूनी गतिविधियों में लिप्त हो सकता है। जातक बेवजह का क्रिटिसाइज करने वाला व्यक्ति होता है। यदि लग्नेश द्वादश भाव में बलि हो तब बुरे प्रभाव कम होते हैं।

11) द्वादश भाव में स्थित लग्नेश जातक को अस्थिर मस्तिष्क वाला व्यक्ति बनाता है। जातक बुद्धिमान हो सकता है, लेकिन जातक का नकारात्मक पहलू यह होगा कि वह आसानी से नेगेटिव विचारों को अपने मन में ले आता है।

12) द्वादश भाव में स्थित लग्नेश सुस्थित हो तब जातक को अच्छा नेम और फेमम प्राप्त होता है। जातक मरने के बाद भी प्रसिद्ध हो सकता है। जातक ऐसे कार्य करेगा जिसके कारण उसकी प्रसिद्धि उसके मरने के उपरांत भी बनी रहेगी।

13)द्वादश भाव में स्थित लग्नेश जातक के स्वास्थ्य के लिए शुभ नहीं माना जाता है। जातक शारीरिक रूप से कमजोर हो सकता है और जातक विभिन्न प्रकार के रोगों से ग्रसित हो सकता‌ है।

14)यदि लग्नेश द्वादश भाव में द्वादश भाव के स्वामी के साथ बैठा हो तब जातक के लग्न के लिए यह किसी भी सूरत में शुभ नहीं माना जा सकता है। जातक स्वास्थ्य के से संबंधित समस्या का सामना करता है। जातक फाइनेंसियल प्रॉब्लम का सामना कर सकता है। जातक गरीबी से दो-चार हो सकता है। जातक को अपने जीवन में बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। जातक अपने जन्म स्थान को छोड़ने के लिए विवश हो सकता है। जातक अपनी पैतृक संपत्ति को प्राप्त नहीं करेगा या जातक को अपनी पैतृक संपत्ति को प्राप्त करने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Thanks You

Your Form is Submitted,
We will contact You soon !

Something Wasn’t Clear?
Feel free to contact me, and I will be more than happy to answer all of your questions.
Profile Picture