अश्विन नक्षत्र

अश्विन नक्षत्र

image

1) अंग्रेजी नाम- केस्टर और पोलोक्स

2)प्रथम नक्षत्र

3)मेष राशी मे 0 से 20 डिग्री13 मिनट तक अश्विन नक्षत्र का विस्तार होता है।

4) राशि स्वामी – मंगल ग्रह

5)विशोंत्तरी दशा स्वामी – केतु

6) देवता -अश्विवी कुमार (यह देवों के चिकित्सकों के रूप में प्रसिद्धि है।)

7) वर्ण- क्षत्रिय

8)वश्य – चतुष्पद

9) गण- देव गण

10) योनि- अश्व (घोड़ा)

11)योनि वैर – महिषी

12) रंग – रक्त  के समान लाल

13)शब्द – चू, चे,चो,ला

14) प्रतीक – अश्व का सिर

15) शारीरिक बनावट  – सुंदर और बड़ी आँखें, व्यापक माथे, सामान्य नाक।

16) व्यवहार – सुखदायक व्यवहार, भगवान से डरने वाले, बुद्धिमान,फैसले में सशक्त, बचकाना व्यवहार, गतिशील, तेज कार्रवाई (बस सोचा और बिना समय खोये करवाई), शोधकर्ता( कई मामलों में विशेषज्ञ ),कार्रवाई करन वालेे, नैतिकता, बातों में रुखापन, संगीत प्रेमी, खेल प्रेमी, हिम्मतवाला

17)पेशा – चिकित्सकों, साहसिक कार्य, खेलों से संबंधित कार्य, सैन्य और सेना से संबंधित नौकरियां, कानून से संबंधित कार्य, चिकित्सा से संबंधित कार्य, रिसर्च से संबंधित काम।

18) नियम के अनुसार 23वा नक्षत्र प्रत्येक नक्षत्र के लिए विनाशकारी होता है। अश्विनी के लिए 23वा नक्षत्र धनिष्ठा(स्वामी-मंगल) है।

19)दूसरा नियम है प्रत्येक नक्षत्र से 3, 5, और 7 वीं बुरा होता है तो इस के अनुसार
अश्विनी के लिए
विपत्त नक्षत्र (3वीं नक्षत्र) – कृतिका,उत्तरफाल्गुणी,उत्तराषाढ़ा

प्रत्यारी नक्षत्र(अश्विनी से 5वीं)- मृगशिरा, चित्रा, धनिष्ठा।

बाधा नक्षत्र (अश्विनी से 7) – पुनर्वसु, विशाखा, पुर्वभद्रा पद

20) 8वीं और 9वीं नक्षत्र जन्मनक्षत्र के मित्र और अतिमित्र होते है। इसलिएअश्विनी के लिए इस श्रेणी में है-
पुष्य,अश्लेषा, अनुराधा, ज्येष्ठा,उत्तरभद्रापद, रेवती

21)समान्यतः हस्त और स्वाति अश्विनी के साथ असहज महसूस कर रहे हैं ।

22) अश्विनी शतभिषा के साथ सबसे अधिक सहज महसूस करते है।

To read this post in English click the link.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Thanks You

Your Form is Submitted,
We will contact You soon !

Something Wasn’t Clear?
Feel free to contact me, and I will be more than happy to answer all of your questions.
Profile Picture