गण मिलान

गण गुण मिलान

कुण्डली मिलान भाग – 8

पिछले अंक मे हमने ग्रह मेेैत्री मिलान के बारे मे जानकारी प्राप्त की। 

गण तीन प्रकार के होते है, देव गण, मानव गण, दानव गण। गण मिलान की महता इसके अंक से ही समझी जा सकती है। गण मिलान को कुंडली मिलान  मे 6 अंक आवंटित किया जाता है। गण मिलान एक दूसरे के स्वभाव और व्यावहारिक चरित्र मिलान के लिए किया जाता है। मेरा मतलब एक-दूसरे को नियंत्रण करने की क्षमता और सामंजस्य रखने की प्रवृति का मिलान। 

इसके लिए हमारे प्राचीन महर्षियों ने नक्षत्र विशेष मे चंद्रमा की स्थिती के अनुसार जातक के व्यवहार के हिसाब से 27 नक्षत्र को  3 भाग में विभाजित किया है।

देवअश्विनीमृगशिरापुनर्वसुपुष्यहस्तास्वातिअनुराधाश्रवणारेवती
मानवभरणी
रोहणीआद्रापुर्वफाल्गुणीउत्तरफाल्गुणीपूर्वाषाढ़ाउत्तराषाढ़ापुर्वभद्रापदउत्तरभद्रापद
दानवकृतिका
 
अश्लेषामाघाचित्रा,विशाखाज्येष्ठामूलाधनिष्ठाशतभिषा

देव, दानव मे परस्पर शत्रुता सर्वविदित है। मानव भी दानव से भय रखते है। ऐसी मान्यता के अनुसार नीचे दिये गये सारणी के अनुसार हम 0-6 के बीच नंबर आवंटित करते है।

वर —-
कन्या
देवमानवदानव
देव651
मानव660
दानव006

अगले अंक मे हम भूकुट मिलान के बारे मे जानकारी प्राप्त करेगे ।

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