कुंडली के प्रथम भाव में गुरु का प्रभाव

कुंडली के प्रथम भाव में गुरु का प्रभाव


1)कुंडली के प्रथम भाव में गुरु का प्रभाव जानने के लिए सर्वप्रथम हम गुरु और प्रथम भाव के कारक के विषय में अध्ययन करेंगे।


2) प्रथम भाव में गुरु जातक को लंबे कद का, साफ सुथरा रंग का तथा आकर्षक व्यक्तित्व का मालिक बनाता है। जातक उत्तम स्वास्थ्य वाला तथा हेल्थी शरीर वाला व्यक्ति होगा। उसके चेहरे पर उसकी सत्य निष्ठा और विश्वास की झलक होगी। ‌


3) प्रथम भाव में स्थित गुरु को महान ज्योतिष पवित्र गंगा जल की तरह मानते हैं। जिस प्रकार गंगाजल में सभी प्रकार के पापों का शमन हो जाता है, उसी प्रकार प्रथम भाव में स्थित गुरु, जातक की कुंडली के समस्त दोषों का नाश करने वाला माना गया है। अतः हम बोल सकते हैं प्रथम भाव में स्थित गुरु जातक को अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु जीवन देगा।


4) गुरु को कफ दोष का कारक ग्रह माना गया है। अतः प्रथम भाव में स्थित गुरु जातक को कफ दोष से पीड़ित कर सकता है। जातक मोटापा से ग्रसित रह सकता है। लेकिन यदि गुरु उत्तम अवस्था और शुभ अवस्था में हो तो जातक उत्तम स्वास्थ्य का लाभ उठाएगा।


5) गुरु को सात्विक ग्रह माना गया है, अतः प्रथम भाव में स्थित गुरु जातक को दयालु स्वभाव वाला, उत्तम संस्कारों वाला, धार्मिक विचारों वाला व्यक्ति बनाता है। जातक को भगवान में गहरी आस्था होगी। जातक सच्चा और ईमानदार व्यक्ति होगा। जातक एक नरम दिल इंसान हो सकता है।


6) गुरु साम नीति का कारक ग्रह माना गया है। जातक अपने जीवन की सारी परेशानी को शांति पूर्वक और बातचीत के जरिए सुलझाने में विश्वास रखता होगा।

7) जातक एक आशावान और बुद्धिमान व्यक्ति होगा। जातक ऊर्जावान और धैर्यवान व्यक्ति होगा। जातक विद्या अर्जन में उत्तम होगा।


8) जातक सांसारिक सुखों की ओर झुकाव रखने वाला व्यक्ति होगा। जातक भाग्यशाली और धनी व्यक्ति हो सकता है। जातक को जीवन में अच्छी सफलता मिलेगी। हम कह सकते हैं कि गुरु प्रथम भाव में शुभ होता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Thanks You

Your Form is Submitted,
We will contact You soon !

Something Wasn’t Clear?
Feel free to contact me, and I will be more than happy to answer all of your questions.
Profile Picture