कुंडली के द्वादश भाव में मंगल का प्रभाव

कुंडली के द्वादश भाव में मंगल का प्रभाव

1)कुंडली के द्वादश भाव में मंगल का प्रभाव जानने के लिए सर्वप्रथम हम मंगल और द्वादश भाव के कारकों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।

2) द्वादश भाव में स्थित मंगल मांगलिक दोष का निर्माण करता है। साथ ही द्वादश भाव की स्थित मंगल कई प्रकार के बुरे प्रभाव भी देता है। अतः द्वादश भाव में स्थित मंगल शुभ नहीं माना जाता है।

3) द्वादश भाव शयन सुख का कारक भाव है। मंगल एक पापी ग्रह के रूप में द्वादश भाव में स्थित होकर व्यक्ति के शयन सुख को कम करता है। जातक सिर दर्द या मस्तिष्क से संबंधित रोगों से ग्रसित हो सकता है जैसे माइग्रेन इत्यादि। द्वादश भाव में स्थित मंगल जातक को नेत्र से संबंधित समस्या दे सकता है । जातक को किसी भी प्रकार की डेंटल समस्या से भी दो-चार होना पड़ सकता है।

4) मंगल द्वादश भाव में स्थित होकर जातक के वैवाहिक जीवन में परेशानी उत्पन्न करता है। जातक का अपनी पत्नी के साथ विवाद या लड़ाई – झगड़ा इत्यादि हो सकता है। यदि मंगल द्वादश भाव में बहुत ज्यादा पीड़ित हो, तब जातक के अपनी पत्नी से अलगाव या जातक की पत्नी की या पति की मृत्यु हो सकती है। साधारण परिस्थिति में द्वादश भाव में स्थित मंगल जातक के पत्नी या पति को स्वास्थ्य से संबंधित समस्या दे सकता है। साथ ही जातक मानसिक रूप से घरेलू कलह के कारण परेशान रह सकता है।

5) द्वादश भाव में स्थित मंगल जातक को कामुक प्रवृत्ति का व्यक्ति बनाता है। जातक कि काम इच्छा बहुत ज्यादा होगी और यह अवैध संबंधों का कारण भी बन सकता है। जातक का जीवन के प्रति भौतिकवादी एप्रोच होगा। जातक उत्तम संतान प्राप्त करेगा।

6) द्वादश भाव में स्थित मंगल जातक को एक्सीडेंट या अंग भंग दे सकता है। द्वादश भाव स्थित मंगल किसी भी प्रकार का शल्य चिकित्सा का कारण हो सकता है खासकर सिर या पेट से संबंधित। जातक पित्त दोष से ग्रसित रह सकता है। जातक को लीवर से संबंधित समस्या हो सकती है। जातक को ब्लड प्रेशर से रिलेटेड समस्या हो सकती है।

7) जातक ऋण से संबंधित समस्या से परेशान रह सकता है। जातक के खर्चे अत्यधिक हो सकते हैं । जातक को स्वास्थ्य पर खर्चे हो सकते हैं । जातक को अपने परिवार या भाइयों के कारण धन का नुकसान झेलना पड़ सकता है। जातक का अपने भाई से विवाद हो सकता है।

8) जातक को खेती से संबंधित जमीन हो सकती है।

9)जातक बहुत ज्यादा बहादुर होगा लेकिन वह अपनी साहस का प्रदर्शन सही दिशा में नहीं करेगा। जातक गलत या आपराधिक क्रियाकलापों में लिप्त हो सकता है । अगर मंगल बहुत ज्यादा पीड़ित हो तो जातक को जेल हो सकती है या कानूनी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। जातक को बदनामी का सामना करना पड़ सकता है ।जातक स्वार्थी प्रवृत्ति का व्यक्ति हो सकता है। साथ ही वह दूसरों से छल कर सकता है। जातक अच्छे संस्कारों वाला व्यक्ति नहीं होगा।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Thanks You

Your Form is Submitted,
We will contact You soon !

Something Wasn’t Clear?
Feel free to contact me, and I will be more than happy to answer all of your questions.
Profile Picture