योनि मिलान की विधि

       योनि मिलान

कुण्डली मिलान भाग – 6

पिछले अंक मे हमने तारा मिलान के बारे मे जानकारी प्राप्त की।

कुंडली में हम योनि मिलान शारीरिक संबंध मे अनुकुलता के बारे मे जानने के लिए करते है। विवाह मे एक दुसरे के प्रति शारीरिक संबंधों मे संतुष्टि का होना महत्वपूर्ण है। योनि मिलान द्वारा हम वैवाहिक संतुष्टि आकलन करते है ।

हमारे महान एवं प्राचीन महर्षि द्वारा जातक के जन्मनक्षत्र के अनुसार जातक की संभावित यौन व्यवहार के अनुसार 14 प्रकार में विभाजित किया गया है जो इस प्रकार है

क्रम सं.योनिनक्षत्रनक्षत्र
1अश्वअश्विनीशतभिषा
2गजभरणीरेवती
3मेषपुष्यकृतिका
4सर्परोहणीमृगशिरा
5श्वान मूलाआद्रा
6मार्जरअश्लेषापुनर्वसु
7मूषकमाघापुर्वफाल्गुणी
8 गौ उत्तरफाल्गुणीउत्तरभद्रापद
9महिषी स्वातिहस्ता
10व्याध्र विशाखाचित्रा
11मृग ज्येष्ठा,अनुराधा
12वानर पूर्वाषाढ़ाश्रवणा
13 नकुलउत्तराषाढ़
14सिंह पूर्वभाद्रपदधनिष्ठा
जन्म नक्षत्र और योनि

उपरोक्त सारणी के आधार पर हम जातक का योनि निश्चित करते है। योनि गुण मिलान  को कुल 4अंक आवंटित किया गया है।

योनि मिलान में हम  5 भाग में विभाजित करते है। और नीचे दिये गये सारणी के अनुसार अंक आंवटित करते है।

1)समान योनि – वर और कन्या की एक ही योनि हो तो यह सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। यह शारीरिक संबंधो के लिए भी उत्तम होता है। इसलिए 4 अंक मिलान में आवंटित किया जाता है।

2) मित्र योनि – जब वर और कन्या के योनि एक दूसरे के मित्र हो तो 3अंक आबंटित किया जाता है। मित्र योनि होने से आपस मेे रिश्ता अच्छा होता है।

3) तटस्थ योनि – जब वर और कन्या के योनि आपस मे तटस्थ हो तो यह औसत विचार किया जाता है और 2 अंक आवंटित किया जाता है। यह आपस मे ठीक ठाक संबंधों का संकेत देता है।

4) विपरीत योनि – जब वर और कन्या के योनि एक दुसरे से विपरीत स्वाभव के हो तो यह आपस मे एक दूसरे से संबंध बनाने में कठिनाई का संकेत देता है।और आपसी संबंधों मे तालमेल का अभाव दर्शाता है ।इसप्रकार के आबंटन 1 अंक आंवटित किया जाता है।

5) शत्रु योनि – जब वर और कन्या के योनि एक दूसरे के शत्रु हो तो यह हैं आपसी संबधो के लिए यह बहुत बुरा माना जाता है और इस प्रकार के रिश्ते को जीवन में समस्या और मानसिक अवसाद के कारक हो सकते है।समान्यतः वे एक से दूसरे से शादी नहीं करना चाहिएऔर इस प्रकार के मिलान को 0 अंक आवंटित किया जाता है।

वर ….>
कन्या
।।
अश्वगजमेषसर्पश्वानमार्जरमूषकगौमहिषीव्याध्रमृगवानरनकुलसिंह
अश्व42322333013221
गज24322333312320
मेष33432313313031
सर्प22242211222202
श्वान22224112210221
मार्जर22321402212222
मूषक22211042222221
गौ32312224303231
महिषी13322223412223
व्याध्र12121120142122
मृग32320223214222
वानर23022222212423
नकुल22302223222242
सिंह10121211322224

पाठको की सहायता के लिए शत्रु योनि की सारणी निचे दी जा रही है। शत्रु योनि की स्थिति मे विवाह नहीं करना चाहिए।

योनिअश्वगजमेषसर्पश्वानमार्जरमूषकगौमहिषीव्याध्रमृगवानरनकुलसिंह
शत्रु योनिमहिषीसिंहवानरनकुलमृगमूषकमार्जरव्याध्रअश्वगौश्वानमेषसर्पगज
शत्रु योनि की सारणी

अगले अंक मे हम ग्रह मैत्री मिलान के बारे मे जानकारी प्राप्त करेगे ।

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