कुंडली के द्वादश भाव में शुक्र का प्रभाव

कुंडली के द्वादश भाव में शुक्र का प्रभाव


1) कुंडली के द्वादश भाव में शुक्र का प्रभाव जानने के लिए सर्वप्रथम हम शुक्र और द्वादश भाव होते नैसर्गिक कारक के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करेंगे।


2) सामान्यतः द्वादश भाव में स्थित शुक्र शुभ माना जाता है क्योंकि द्वादश भाव में स्थित शुक्र उत्तम प्रभाव देता है।


3) द्वादश भाव में स्थित शुक्र जातक को धनी और संपन्न बनाता है। द्वादश भाव को व्यय स्थान होता है। अतः द्वादश भाव में स्थित शुक्र जातक को लक्जरियस या विलासिता पूर्ण जीवन जीने के प्रति आकर्षित करता है। जातक कंजूस प्रवृत्ति का होगा अर्थात वह अत्यधिक खर्च करने में विश्वास नहीं रखेगा। परंतु इसका यह अर्थ नहीं है कि जातक स्वयं के ऊपर खर्च नहीं करेगा। जातक जीवन के सभी प्रकार के आरामदेय और सुख-सुविधा के साधन पर खर्च करेगा।


4) द्वादश भाव सैया सुख का कारक भाव है और शुक्र को शारीरिक सुख का कारक ग्रह माना गया है। अतः द्वादश भाव में स्थित शुक्र जातक को कामुक प्रवृत्ति का व्यक्ति बनाता है। जातक को उत्तम शारीरिक सुख प्राप्त होगा। जातक यौन संबंध बनाने में निपुण होगा। जातक के कई स्त्रियों के साथ संबंध हो सकते हैं। जातक नीच प्रवृत्ति के स्त्री के साथ संबंध बनाने को आतुर हो सकता है। जातक की सोच निम्न स्तर की हो सकती है।


5) शुक्र को जीवनसाथी का कारक ग्रह माना जाता है। द्वादश भाव में स्थित शुक्र जातक को वैवाहिक जीवन में परेशानी देता है। जातक अपनी पत्नी के तरफ से समस्या का सामना करेगा। जातक की पत्नी का स्वास्थ्य कमजोर होगा। जातक और जातक के पत्नी के बीच मतभेद या लड़ाई झगड़े हो सकते हैं। जातक अपनी पत्नी के कंट्रोल में रहेगा या जातक की पत्नी का स्वभाव जातक को कंट्रोल करने का होगा। जातक की पत्नी जातक से ऊंचे घराने से हो सकती है।


6) शुक्र को नेत्र ज्योति का कारक ग्रह माना गया है। अतः द्वादश भाव में स्थित शुक्र जातक को नेत्र से संबंधित समस्या दे सकता है। द्वादश भाव में स्थित शुक्र जातक को दंत संबंधी रोग दे सकता है। द्वादश भाव में स्थित शुक्र जातक को सेक्सुअल रोग दे सकता है। द्वादश भाव में स्थित शुक्र जातक को जीभ से संबंधित रोक दे सकता है।


7) द्वादश भाव में स्थित शुक्र जातक को अपने शत्रुओं पर विजय दिलाएगा। द्वादश भाव में स्थित शुक्र जातक को कर्ज से परेशान कर सकता है। द्वादश भाव में स्थित शुक्र जातक को व्यापार में नुकसान दिला सकता है। जातक फाइनेंशियल क्राइसिस का सामना कर सकता है। जातक के खर्चे जातक के व्यापार में नुकसान का कारण बन सकते हैं।

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