कुंडली के तृतीय भाव में बुध का प्रभाव

कुंडली के तृतीय भाव में बुध का प्रभाव


1) कुंडली के तृतीय भाव में बुध का प्रभाव जानने के लिए सर्वप्रथम हम बुध और तृतीय भाव के कारक के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।


2) तृतीय भाव में स्थित बुध जातक को उत्तम शारीरिक और मानसिक क्षमता देता है। जातक खेलकूद में उत्तम हो सकता है। जातक कड़ी मेहनत करने वाला व्यक्ति होगा। जातक अपनी मानसिक क्षमता के कारण आसानी से हार नहीं मानता है । वह जब किसी कार्य को शुरू करता है तो जब तक उसे समाप्त नहीं करता तब तक उसे चैन नहीं मिलता है। जातक बुद्धिमान होता है। जातक बहादुर होता है और उसके सिखने की चमता बहुत उत्तम होती है। जातक गणित में कैलकुलेशन में और ट्रिक्स में एक्सपर्ट होता है।


3) तृतीय भाव में स्थित बुध जातक को अपने भाइयों से स्नेह दिलाता है। जातक अपने भाइयों की मदद करता है और भाइयों से मदद भी प्राप्त करता है। यदि तृतीय भाव में स्थित बुध पीड़ित हो तब जातक की अपने भाइयों से मतभेद हो सकते हैं।


4) तृतीय भाव में स्थित बुध जातक को उत्तम कम्युनिकेटिंग स्किल देता है। जातक अपने बातचीत के तरीके से दूसरों पर बहुत ज्यादा प्रभाव डालता है। वह बहुत ही अच्छा डिप्लोमेट साबित हो सकता है, क्योंकि उसकी बुद्धि, कम्युनिकेटिंग पावर और तीक्ष्ण दिमाग अति उत्तम होती है।


5) तृतीय भाव में स्थिति के कारण जातक का चित्त स्थिर नहीं होगा, जिसके कारण वह अपने दिमाग को बिना मतलब के कार्यों में खर्च करेगा।


6) तृतीय भाव में स्थिति के कारण जातक व्यापार या सट्टा में सफलता प्राप्त करेगा। अपनों के सुख से महरुम रहेगा लेकिन दूसरे व्यक्ति जातक से खुश रहेंगे।


7) तृतीय भाव में स्थित बुध जातक को लेखक बनाता है जातक डांस या दूसरे शारीरिक एक्टिविटी में इंटरेस्टेड होगा।

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