कुंडली के अष्टम भाव में राहु का प्रभाव

कुंडली के अष्टम भाव में राहु का प्रभाव

1) कुंडली के अष्टम भाव में राहु का प्रभाव जानने के लिए सर्वप्रथम हम राहु और अष्टम भाव के नैसर्गिक कारक के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करेंगे।

2) अष्टम भाव आयुष भाव होता है। अष्टम भाव में स्थित राहु जातक को अल्पायु बना सकता है, लेकिन ऐसा हर कुंडली में नहीं होगा। अष्टम भाव में स्थित राहु अस्वाभिवक मृत्यु का कारण हो सकता है। अष्टम भाव में स्थित राहु के कारण विष या सांप के काटने से मृत्यु हो सकती है। अष्टम भाव में स्थित राहु पर यदि शुभ ग्रह के प्रभाव हो तब बुरे प्रभाव कम जाते हैं।

3) राहु जिस भाव में बैठता है, उस भाव के लिए उत्प्रेरक के जैसा काम करता है। अर्थात राहु उस भाव के नैसर्गिक कारक को बढ़ा देता है। खासकर राहु एक पापी ग्रह है, अतः उस भाव से संबंधित पाप प्रभाव और बुरे फल को राहु बढ़ाता है। अष्टम भाव में स्थित राहु के कारण जातक कामुक प्रवृत्ति का हो सकता है। उसकी कामेच्छा अत्यधिक तीव्र होगी। राहु गुप्त रोग से पीड़ित होने का कारण भी हो सकता है। जातक समाज के नियम-कानून या सामाजिक पाबंदी को नहीं मानने वाला व्यक्ति हो सकता है। अर्थात जातक चरित्रहीन व्यक्ति हो सकता है। राहु के विपरीत द्वितीय भाव में केतु की स्थिति होने के कारण जातक कठोर वचन बोलने वाला व्यक्ति भी होगा।

4) अष्टम भाव लाइलाज बीमारी या लंबी चलने वाली बीमारी का कारक भाव होता है। जब राहु अष्टम भाव में हो तब जातक विभिन्न प्रकार के लाइलाज बीमारी या लंबी चलने वाले बीमारी से ग्रसित हो सकता है। जातक की एक बीमारी ठीक होने के उपरांत दूसरी बीमारी से ग्रसित होने की संभावना बनी रहती हैं। राहु के कारण बीमारी आसानी से पकड़ में नहीं आती है। अष्टम भाव में स्थित राहु जातक को गठिया या वात रोग भी दे सकता है।

5) अष्टम भाव में स्थित राहु जातक को झगड़ालू प्रवृत्ति का व्यक्ति बनाता है। जातक रुखा वचन बोलने वाला व्यक्ति हो सकता है। जातक संदेहास्पद विचार रखने वाला या अपने विचारों को दूसरों के सामने जाहिर न करने वाला या अफवाह में पड़ने वाला व्यक्ति हो सकता है। अष्टम भाव में स्थित राहु के कारण कोई भी व्यक्ति जातक के स्वभाव और नेचर और उसके क्रियाकलापों के बारे में आसानी से नहीं जान पाता है।

6) अष्टम भाव में स्थित राहु के कारण जातक मानसिक परेशानी से पीड़ित रह सकता है। जातक मन अस्थिर हो सकता है। जातक बुरी शक्तियों और एनर्जी के प्रभाव में आसानी से आ जाता है।

7) अष्टम भाव में स्थित राहु के कारण जातक धन अर्जित भी करेगा लेकिन साथ में वह व्यय भी करेगा। जातक के जीवन में अनेक प्रकार की घटनाएं अचानक से हो सकती है। जातक जीवन में बेचारगी का सामना भी कर सकता है।

8) अष्टम भाव में स्थित राहु बदनामी का कारण भी हो सकता है। जातक को किस प्रकार की बदनामी का सामना करना पड़ेगा, यह जातक के राहु की स्थिति और राशि पर निर्भर होगा। ज्यादातर अष्टम भाव में स्थित राहु स्त्री के कारण बदनामी का कारण हो सकती है।

9) अष्टम भाव गुप्त ज्ञान का भाव होता है। अष्टम भाव में स्थित राहुल के कारण जातक गुप्त विद्या, तंत्र मंत्र, अध्यात्म जैसे विषयों में रुचि रखने वाला या रिसर्च करने वाला व्यक्ति हो सकता है।

10) अष्टम भाव में स्थित राहु के कारण जातक को अग्नि से भय, चोरों से खतरा या छुपी हुई शत्रु से हानि का खतरा हो सकता है। जातक को धन की हानि होने की संभावना होती है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Thanks You

Your Form is Submitted,
We will contact You soon !

Something Wasn’t Clear?
Feel free to contact me, and I will be more than happy to answer all of your questions.
Profile Picture